Middle-Class Love : हर सक्सेसफुल आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है! और हर मिडल क्लास आदमी के स्कूटर के पीछे उसका बेटा होता है! जिसे वो रोज कंजूसी वाली टिप्स देता है! रत्ना सिन्हा के डायरेक्शन में बनी फिल्म, Middle Class Love एक ऐसे ही बाप (मनोज पाहवा), बेटे (प्रीत कमानी) और उसके परिवार के इर्दगिर्द घूमती है! यह फैमिली खुद को ‘ मिडलक्लासोसिस’ जैसी खतरनाक बीमारी से पीड़ित मानती है! ‘शादी में जरूर आना’ फेम रत्ना सिन्हा अपनी इस नई फिल्म में उन तमाम परतों और विडंबनाओं को दिखाती हैं! जिनसे हम मिडल क्लास के लोग अक्सर गुजरते हैं।
Middle-Class Love ‘ का ट्रेलर
Middle-Class Love की कहानी
फिल्म की कहानी बहुत ही सिंपल है। छोटे शहर का लौंडा युधिष्ठर! (प्रीत कमानी) एक मिडल क्लास फैमिली में पला-बढ़ा है! कूल कहलाने की ख्वाहिश रखने वाला ! यह लड़का खुद को यूडी के नाम से पहचाना जाना पसंद करता है! इस फैमिली का मुखिया एक आम मध्यम वर्गीय परिवार की तरह सोचता है!, जो 200 रुपये बचाने के लिए टूटा चश्मा पहनता है! वह सामान्य नौकरी पेशा वाला पिता है! टिफिन बनाकर पैसे कमाने वाली मां है! ट्यूशन पढ़ाकर घर के आर्थिक बोझ को हल्का करने वाला टॉपर भाई है! और इन सभी के बीच यूडी है !जिसे इस मिडल क्लास सेटअप से निकलकर कुछ अपना करना है और बड़ा करना है!
यूडी का मानना है कि छोटे-मोटे पैसे बचाकर वह कभी कूल नहीं हो सकता! खुद को कूल साबित करने के लिए वह मसूरी के बड़े कॉलेज में एडमिशन का जुगाड़ लगाता है! जिससे सायशा बहुत नफरत करती है! कहानी की यह सिचुएशन एक प्रेम त्रिकोण को तो जन्म देती ही है!, मगर कई घुमावदार और मजेदार इंसिडेंट होते हैं !जिन्हें जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी
Middle-Class Love का रिव्यू
‘मिडल क्लास लव’ में निर्देशक
रत्ना सिन्हा मिडल क्लास मानसिकता को किसी त्रासदी या दुख के साथ नहीं परोसती, बल्कि हल्के-फुल्के अंदाज में !पेश करती हैं! और यही फिल्म की यूएसपी है। फिल्म का पहला हिस्सा थोड़ा धीमा है,! मगर इंटरवल के बाद यह रफ्तार पकड़ती है! फिल्म का स्क्रीनप्ले यूथ ओरिएंटेड है, यही वजह है कि कहानी में रोमांस-ब्रोमांस का मिश्रण नजर आता है!
समीर आर्य और मनीष खुशलानी ने मसूरी की रम्य लोकेशन को खूबसूरती से दर्शाया है! फिल्म के संवाद चुटीले हैं!, जो मिडल क्लास गाथा को मजेदार अंदाज में दर्शाते हैं! संगीत की बात करें, तो हिमेश रेशमिया के संगीत में कुछ गाने अच्छे बन पड़े हैं! फिल्म की एडिटिंग थोड़ी चुस्त होनी चाहिए थी! फिल्म का अंत प्रिडक्टिबल लगने के बावजूद दिलचसप हो उठता है! मिडल क्लास लौंडा अपने घरवालों का महत्व समझकर बाप को परिवार का सुपर मैन, मां को सुपर वुमन और भाई को कैप्टन अमेरिका करार देता है!
मध्यम वर्गीय लड़के की परेशानियों और उस जद्दो-जहद से निकलने ! की तिकड़म लड़ाने वाले युवा के रूप में प्रीत ने अपनी भूमिका को मजेदार बनाने की पूरी कोशिश की है! अपने यूथफुल और क्यूट अंदाज से वे खासा मनोरंजन भी करते हैं! काव्या थापर और ईशा सिंह डेब्यूटेंट के रूप में जंची हैं! मनोज पाहवा हमेशा अपनी भूमिका में परफेक्ट साबित होते हैं! मां की भूमिका में सपना सन स्वाभाविक रही हैं! फिल्म की सहयोगी कास्ट औसत है!